3188.*पूर्णिका*
3188.*पूर्णिका*
🌷 दुनिया मुठ्ठी में कर ले🌷
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दुनिया मुठ्ठी में कर ले।
झोली यहाँ तू भर ले।।
बस बात समझे है क्या ।
नव राह अपनी धर ले।।
गमगीन क्यों रहते सब ।
दर्द जान के दुख हर ले।।
स्वर्ग है यहीं नरक यहीं ।
कर्मभक्ति कहे अब तर ले।।
वरदान मिलता खेदू ।
आज आगे आ वर ले।।
…….✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
26-03-2024मंगलवार