3158.*पूर्णिका*
3158.*पूर्णिका*
🌷 जीवन का आधार है पानी🌷
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जीवन का आधार है पानी ।
करता सच उपकार है पानी ।।
कलकल करती नदी देखो।
सागर का संसार है पानी ।।
पाप मिटे यूं नेकियों से अब ।
अपना पुण्य संस्कार है पानी ।।
प्यास बुझे सबकी यहाँ हरदम।
करता बेड़ापार है पानी ।।
व्यर्थ न बहे ये एक बूंद यहाँ ।
खुशियों का करतार है पानी ।।
सोच बड़े मंजिल बड़ी खेदू।
कह सपना साकार है पानी ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-03-2024शुक्रवार
(विश्व जल दिवस)