3145.*पूर्णिका*
3145.*पूर्णिका*
🌷 जब खुशियों की बारिश हुई🌷
22 22 2212
जब खुशियों की बारिश हुई ।
तब यूं पूरी ख्वाहिश हुई ।।
देखो दुनिया का साथ है ।
मिलकर अपनी कोशिश हुई ।।
भागम-भाग रहे रातदिन ।
ये जर्जर सड़क पालिश हुई।।
इंसाफ मिला है झूठ क्या।
जगह जगह सच नालिश हुई ।।
अब खुश है खेदू जिंदगी।
दे ताली फरमाईश हुई ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
19-03-2024मंगलवार