3108.*पूर्णिका*
3108.*पूर्णिका*
🌷 हमसा कहाँ यार मिलेगा🌷
2212 22 22
हमसा कहाँ यार मिलेगा।
इतना कहाँ प्यार मिलेगा।।
दुनिया बदल जाएगी सच।
यूं पग कहाँ पार मिलेगा।।
दिलदार देखो साथ चले।
साजन कहाँ सार मिलेगा।।
दिन रात मरते है तुझ पर ।
नैना कहाँ चार मिलेगा।।
दामन यहाँ थामे खेदू।
अपना कहाँ बार मिलेगा।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-03-2024मंगलवार