3093.*पूर्णिका*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/952bd3e78f194b09efef5b61597c07d3_41ac3f88a61f0580c78d200929fe76ce_600.jpg)
3093.*पूर्णिका*
🌷 कुछ पाना कुछ खोना है जिंदगी🌷
22 22 22 2212
कुछ पाना कुछ खोना है जिंदगी।हँसे दुनिया रोना है जिंदगी ।।
देखो बदले अपनी ये किस्मत भी।
यूं जाग यहाँ सोना है जिंदगी।।
आकर महके खुशियाँ सुमन सा।
बस बीज जहाँ बोना है जिंदगी।।
खून पसीना रोज तपे आग में ।
रोटी जैसे पोना है जिंदगी।।
आज विद्यार्थी खेदू इतिहास के ।
पढ़ कर जग संजोना है जिंदगी ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
09-03-2024शनिवार