3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
🌷 कुछ लोग अजीज होते हैं 🌷
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कुछ लोग अजीज होते हैं ।
दिल कब नाचीज होते हैं ।।
जीने का है सलीका भी ।
यूं शान तमीज होते हैं ।।
कर न सके बाल बाँका यूं ।
मुरब्बत ताबीज होते हैं ।।
सुंदर दुनिया यहीं देखो ।
बस चाह लजीज होते हैं ।।
सेहत के राज क्या खेदू।
कब कौन मरीज होते हैं ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-02-2024मंगलवार