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18 Feb 2024 · 1 min read

3024.*पूर्णिका*

3024.*पूर्णिका*
🌷 मेरी पहचान हो तुम
22 22 122
मेरी पहचान हो तुम ।
मेरी अरमान हो तुम ।।
दुनिया बस जिंदगी की ।
सच मेरी जान हो तुम ।।
रखते ख्वाहिश निहायत ।
आन यहाँ शान हो तुम ।।
पाकर तुझको कहे क्या।
मेरी अभिमान हो तुम ।।
नाता खेदू जन्मों का ।
करते कुरबान हो तुम ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
18-02-2024रविवार

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