3006.*पूर्णिका*
3006.*पूर्णिका*
🌷 समझ इशारें बदल गए
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समझ इशारें बदल गए ।
देख नजारें बदल गए ।।
बेजान यहाँ जिंदा है ।
भाग्य सितारें बदल गए ।।
बहता दरिया हरदम यूं ।
हम बेचारें बदल गए ।।
ढ़ाई आखर प्रेम यहाँ ।
पढ़ कर प्यारें बदल गए ।।
मंजिल पाते सब खेदू ।
आज विचारें बदल गए ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
13-02-2024मंगलवार