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12 Feb 2024 · 1 min read

3003.*पूर्णिका*

3003.*पूर्णिका*
🌷 वो नाव हम पतवार बन गए
2212 2212 12
वो नाव हम पतवार बन गए ।
ऐसा नशा मतवार बन गए ।।
दुनिया नयी अपनी रचे यहाँ ।
वो ढ़ाल हम तलवार बन गए ।।
जादू नहीं तो क्या हुआ भला।
नाते रिश्तें लगवार बन गए ।।
कोशिश समझने की करें जरा।
इंसान खरपतवार बन गए ।।
करते जज्बातों की खेदू कदर।
अपने सनम थनवार बन गए ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
12-02-2024सोमवार

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