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4 May 2024 · 1 min read

हुआ क्या है

3/5/22

कुछ हुआ है मगर हुआ क्या है।
बेरुखी का मुकालिमा क्या है ।

पिंजरे में जो कैद है मुझ सी,
उसके इस दर्द का पता क्या है।

ये जिगर है धुआं -धुआं मेरा
बस धुएं के सिवा भरा क्या है।

दूर होके भी ना बिछड़ पाये
तेरा मेरा मुआ’मला क्या है।

राज़ खोलती निगाह सभी ‘नीलम’
तुमसे कहने को अब बचा क्या है।

मुकालिमा -संवाद, बात

नीलम शर्मा ✍️

Language: Hindi
3 Likes · 38 Views
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