#3 हाल- ए – दिल
सपने हैं आँखों में मगर नींद कहीं और है ।
दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन कहीं और है ।।
कैसे बयाँ करूँ अपना हाल – ए – दिल…. ।
जी तो रहे हैं हम मगर ज़िंदगी कहीं और है….।।
सपने हैं आँखों में मगर नींद कहीं और है ।
दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन कहीं और है ।।
कैसे बयाँ करूँ अपना हाल – ए – दिल…. ।
जी तो रहे हैं हम मगर ज़िंदगी कहीं और है….।।