2999.*पूर्णिका*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/8d7609934bca19208390840ff9d3c756_063d742e8a972b122f795b1e7b5a2901_600.jpg)
2999.*पूर्णिका*
🌷 जैसे देश वैसे परिवेश
22 212 2221
जैसे देश वैसे परिवेश ।
देते मानवता का संदेश।।
दुनिया महकते सुंदर बाग ।
सच देती बना नियति नरेश।।
मौसम बदलते हरपल आज।
देता जिंदगी रोज दिनेश।।
सब गम भूल के खुशियां बांट ।
आती मंजिलें देख मनेश ।।
हरदम चमकते खेदू किस्मत।
बस यूँ नाचते करते ऐश।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-02-2024रविवार