2980.*पूर्णिका*
2980.*पूर्णिका*
🌷 लोग यहाँ नादानी करते
22 22 22 22
लोग यहाँ नादानी करते।
खुद ही पानी पानी करते।।
तकलीफ उठाते कौन भला।
यूं सब बेईमानी करते।।
दिन अपना काली रात कहाँ ।
दुनिया रोज कुर्बानी करते।।
जीवन महके चाहत रखते ।
साथी देख जवानी करते।।
मसलों का हल होते खेदू।
हम दौरा तूफानी करते।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
05-02-2024सोमवार