2974.*पूर्णिका*
2974.*पूर्णिका*
🌷 बड़ा सोचो बड़ा बनो
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बड़ा सोचो बड़ा बनो।
जरा देखो,बड़ा बनो ।।
खुशी मिलती चमन चमन।
मजा जीवन,बड़ा बनो ।।
कड़ा बनता मुकाबला ।
रखो नाता बड़ा बनो ।।
नहीं की बात भी नहीं ।
जगह अपनी बड़ा बनो ।।
जहाँ खेदू बदल यहाँ ।
सच्चे हरदम बड़ा बनो ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
04-02-2024रविवार