2962.*पूर्णिका*
2962.*पूर्णिका*
🌷 घटता वही जो हम चाहते 🌷
2212 22 212
घटता वही जो हम चाहते।
मिलता वही जो हम चाहते।।
यूं खूबसूरत दुनिया यहाँ ।
नाज भी जो हम चाहते ।।
तकलीफ क्या हम हम साथ है।
ये जिंदगी जो हम चाहते।।
कलियाँ सभी खिलती महकती ।
मन मचलते जो हम चाहते ।।
बस प्यार की खेदू भावना ।
सुंदर जहाँ जो हम चाहते ।।
……✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-01-2024शनिवार