Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2024 · 1 min read

2947.*पूर्णिका*

2947.*पूर्णिका*
🌷 कभी तुम आते हो 🌷
1222 22
कभी तुम आते हो ।
कभी तुम जाते हो ।।
चमन वीरान यहाँ ।
सजन महकाते हो ।।
रगों में प्रेम बहे।
खुशी दे जाते हो ।।
मिटे तम दुनिया से।
उजाला लाते हो ।।
बसे दिल में खेदू।
जग बदल जाते हो ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-01-2024सोमवार

133 Views

You may also like these posts

राधा-मोहन
राधा-मोहन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
निर्वात का साथी🙏
निर्वात का साथी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* मन में कोई बात न रखना *
* मन में कोई बात न रखना *
surenderpal vaidya
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
Shweta Soni
कुण्डलिया
कुण्डलिया
अवध किशोर 'अवधू'
अपना माना था दिल ने जिसे
अपना माना था दिल ने जिसे
Mamta Rani
"सुननी की ललूआ के लईका"
राकेश चौरसिया
दीवाना
दीवाना
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
"जीने के लिए "
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन की कविता
जीवन की कविता
Anant Yadav
उम्मीद
उम्मीद
ओनिका सेतिया 'अनु '
गीत _ इतना तो बतलाओ तुम !
गीत _ इतना तो बतलाओ तुम !
Neelofar Khan
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
पूर्वार्थ
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
ज़िंदगी की मशक़्क़त में
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
जरूरी है
जरूरी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
पेड़ लगाना‌
पेड़ लगाना‌
goutam shaw
2943.*पूर्णिका*
2943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो मुझे रूठने नही देती।
वो मुझे रूठने नही देती।
Rajendra Kushwaha
आजादी का पर्व
आजादी का पर्व
Parvat Singh Rajput
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
जिंदगी में जो मिला सब, सिर्फ खोने के लिए(हिंदी गजल गीतिका)
जिंदगी में जो मिला सब, सिर्फ खोने के लिए(हिंदी गजल गीतिका)
Ravi Prakash
उसे लगता है कि
उसे लगता है कि
Keshav kishor Kumar
करवाचौथ
करवाचौथ
Neeraj Agarwal
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*प्रणय*
अवसर तलाश करते हैं
अवसर तलाश करते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
Dushyant Kumar Patel
बेचो बेचो सबकुछ बेचो
बेचो बेचो सबकुछ बेचो
Abasaheb Sarjerao Mhaske
"प्रयास"
Rati Raj
Loading...