Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2024 · 1 min read

2923.*पूर्णिका*

2923.*पूर्णिका*
🌷 कितने सुंदर काया 🌷
22 22 22
कितने सुंदर काया ।
मेरे मन को भाया ।।
देकर प्यार यहाँ सब ।
अपना खास बनाया।।
दुनिया क्या है समझो
यूं हरदम समझाया।।
मंजिल चूमे हरपल।
आगे कदम बढ़ाया।।
महके जीवन खेदू।
सच नायाब बनाया।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
10-01-2024बुधवार

194 Views

You may also like these posts

फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
फलानी ने फलाने को फलां के साथ देखा है।
Manoj Mahato
प्यासा के हुनर
प्यासा के हुनर
Vijay kumar Pandey
हे राम!धरा पर आ जाओ
हे राम!धरा पर आ जाओ
Mukta Rashmi
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
Monika Arora
क्यों
क्यों
Neeraj Agarwal
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
Together we can be whatever we wish
Together we can be whatever we wish
पूर्वार्थ
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
Suryakant Dwivedi
पेट भरता नहीं
पेट भरता नहीं
Dr fauzia Naseem shad
" क्या कहूँ? "
Dr. Kishan tandon kranti
हमनें थोड़ी सी गलती क्या की....................
हमनें थोड़ी सी गलती क्या की....................
$úDhÁ MãÚ₹Yá
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Life is too short
Life is too short
samar pratap singh
समझाते इसको को हुए, वर्ष करीबन साठ ।
समझाते इसको को हुए, वर्ष करीबन साठ ।
RAMESH SHARMA
बेटी हूं या भूल
बेटी हूं या भूल
Lovi Mishra
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
Nitesh Chauhan
इश्क़ तेरा
इश्क़ तेरा
आकाश महेशपुरी
कृपण
कृपण
Rambali Mishra
हो चाहे कठिन से भी कठिन काम,
हो चाहे कठिन से भी कठिन काम,
Ajit Kumar "Karn"
🙅लक्ष्य🙅
🙅लक्ष्य🙅
*प्रणय*
अंधेरा मन का
अंधेरा मन का
Rekha khichi
4474.*पूर्णिका*
4474.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वर्षा
वर्षा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
छोड़ने वाले तो एक क्षण में छोड़ जाते हैं।
लक्ष्मी सिंह
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*इंसान बन जाओ*
*इंसान बन जाओ*
Shashank Mishra
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
Chaahat
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...