Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2024 · 1 min read

2889.*पूर्णिका*

2889.*पूर्णिका*
🌷 पता नहीं क्यों रोने लगे🌷
1212 22 212
पता नहीं क्यों रोने लगे।
नया नया जो होने लगे।।

अजीब सा मंजर है यहाँ ।
वजूद खुद को खोने लगे।।

तलाशतें रहते जिंदगी।
खुशी सभी तो बोने लगे।।

भले बुरे रहते लोग भी ।
उदास देखो कोने लगे।।

उपासना खेदू बंदगी ।
निष्पाप अपना धोने लगे ।।
…………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
03-01-2024बुधवार

161 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
औरों पर ठीकरे फोड़ने से ज़्यादा अच्छा है, ख़ुद के गिरहबान में झ
औरों पर ठीकरे फोड़ने से ज़्यादा अच्छा है, ख़ुद के गिरहबान में झ
*प्रणय*
हिदायत
हिदायत
Bodhisatva kastooriya
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
Sonam Puneet Dubey
Some times....
Some times....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
पुलिस की चाल
पुलिस की चाल
नेताम आर सी
'प्रेम पथ की शक्ति है'
'प्रेम पथ की शक्ति है'
हरिओम 'कोमल'
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
Surinder blackpen
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
हमको भी सलीक़ा है लफ़्ज़ों को बरतने का
Nazir Nazar
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
नैन खोल मेरी हाल देख मैया
Basant Bhagawan Roy
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" जमाना "
Dr. Kishan tandon kranti
बदलती दुनिया
बदलती दुनिया
साहित्य गौरव
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था
Rituraj shivem verma
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बार-बार लिखा,
बार-बार लिखा,
Priya princess panwar
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
इस तरह भी होता है
इस तरह भी होता है
हिमांशु Kulshrestha
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
Neeraj Agarwal
गीत
गीत
Shweta Soni
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
*शरीर : आठ दोहे*
*शरीर : आठ दोहे*
Ravi Prakash
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
*ऋषि नहीं वैज्ञानिक*
Poonam Matia
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3227.*पूर्णिका*
3227.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधीर होते हो
अधीर होते हो
surenderpal vaidya
due to some reason or  excuses we keep busy in our life but
due to some reason or excuses we keep busy in our life but
पूर्वार्थ
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
Er.Navaneet R Shandily
"ज्वाला
भरत कुमार सोलंकी
वगिया है पुरखों की याद🙏
वगिया है पुरखों की याद🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...