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3 Jan 2024 · 1 min read

2883.*पूर्णिका*

2883.*पूर्णिका*
🌷 जिसको गले हमने लगाया🌷
2212 2212 2
जिसको गले हमने लगाया ।
दुनिया जहाँ हमने सजाया ।।

मंजिल मिली उसकी उसे सब।
यूं प्यार से सुंदर बनाया।।

बेदर्द जमाना कुछ न समझे।
रास्ता नया हमने दिखाया ।।

ये बात अपनी कौन करते ।
बिछुड़े हुए हमने मिलाया ।।

बदले नजारे आज खेदू।
यूं नजरिया हमने दिखाया।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
03-01-2024बुधवार

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