2876.*पूर्णिका*
2876.*पूर्णिका*
🌷 कुछ ना कुछ जरूरत होती है🌷
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कुछ ना कुछ जरूरत होती है ।
मंजिल खूबसूरत होती है ।।
यूं ही प्यार की कलियां खिलती ।
दिल में नेक चाहत होती है ।।
रोज तराशते हम पत्थर यहाँ ।
सुंदर देख मूरत होती है ।।
संघर्ष जिंदगी का नाम जहाँ ।
हरपल भान नुसरत होती है ।।
होते मतलबी इंसान बड़े ।
दामन थाम फितरत होती है ।।
अपना फर्ज निभाते है खेदू।
दुनिया जान इशरत होती है ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-12-2023रविवार