2824. *पूर्णिका*
2824. पूर्णिका
🌷 देखो क्या हलचल है🌷
22 22 22
देखो क्या हलचल है ।
कितना सुंदर पल है ।।
साथ यहाँ रहता मन ।
समस्याओं का हल है ।।
नेकी करते अपना ।
जीवन का संबल है ।।
दुनिया कहती हरदम।
कलकल में ही कल है ।।
जीना मरना खेदू।
प्यारा बहता जल है ।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-12-2023शुक्रवार