बरसाने की हर कलियों के खुशबू में राधा नाम है।
*जिंदगी* की रेस में जो लोग *.....*
कहां चले गए तुम मुझे अकेला छोड़कर,
अब बदला किस किस से लू जनाब
परिस्थितियां बदलती हैं हमारे लिए निर्णयों से
आज पलटे जो ख़्बाब के पन्ने - संदीप ठाकुर
पानी की तरह रंग है वो कितनी हसीं है
"ज्ञान रूपी आलपिनो की तलाश के लिए चूक रूपी एक ही चुम्बक काफ़ी
*बादल चाहे जितना बरसो, लेकिन बाढ़ न आए (गीत)*
रावण जी होना चाहता हूं / मुसाफिर बैठा
The only difference between dreams and reality is perfection
कैसे पड़े हैं प्रभु पाँव में छाले