जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
भगवन तेरे भारत में ये, कैसी विपदा आई है....!
One day you will be exactly where you want to be.One day, yo
जमीर पर पत्थर रख हर जगह हाथ जोड़े जा रहे है ।
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
इंसान की बुद्धि पशु से भी बदत्तर है
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
*सरल सुकोमल अन्तर्मन ही, संतों की पहचान है (गीत)*
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
बहुत ही खूब सूरत वो , घर्रौंदे याद आते है !