प्यार है ही नही ज़माने में
*धूम मची है दुनिया-भर में, जन्मभूमि श्री राम की (गीत)*
असत्य पर सत्य की जीत तभी होगी जब
ग़ज़ल _ अँधेरों रूबरू मिलना, तुम्हें किस्सा सुनाना है ।
जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये।
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
नव प्रस्तारित छंद -- हरेम्ब
हँसती है कभी , रुलाती भी है दुनिया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित