महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
दिये को रोशननाने में रात लग गई
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
हम ने माना अभी अंधेरा है ।
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
सांसारिक जीवन के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है और आंतरिक जीव
जीवन में न तो कोई अंतिम हार है और न ही कोई अंतिम जीत। अतः मु