गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
जब तक साँसें चलती है, कोई प्रयत्न कर ले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
"मेरा निस्वार्थ निश्चछल प्रेम"
ग़म का दरिया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
दिल ये इज़हार कहां करता है
सपनों की उड़ान: एक नई शुरुआत