अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
किसी मुस्क़ान की ख़ातिर ज़माना भूल जाते हैं
सिर्फ चुटकुले पढ़े जा रहे कविता के प्रति प्यार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
*जाते देखो भक्तजन, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
"आस्था सकारात्मक ऊर्जा है जो हमारे कर्म को बल प्रदान करती है
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
हाइकु (मैथिली)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)