*** सागर की लहरें....! ***
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
जब रंग हजारों फैले थे,उसके कपड़े मटमैले थे।
“हम अब मूंक और बधिर बनते जा रहे हैं”
मुझे अब भी घर लौटने की चाहत नहीं है साकी,
पेपर लीक का सामान्य हो जाना
बह्र-2122 1212 22 फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन काफ़िया -ऐ रदीफ़ -हैं
हम शरीर मन बुद्धि से परे जा सकते हैं, बस हमें साहस की आवश्कत
राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
*देती धक्के कचहरी, तारीखें हैं रोज (कुंडलिया*
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
क्षमा करें तुफैलजी! + रमेशराज
सन्देश खाली
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु