2692.*पूर्णिका*
2692.*पूर्णिका*
*मेहनत और करनी है *
212 212 22
मेहनत और करनी है ।
झोलियां और भरनी है ।।
नेकिया हो कर्मो से सब ।
तालियाँ और बजनी है ।।
खूबसूरत यहाँ फितरत ।
साज को और सजनी है ।।
हम सुने हम गुने बातें ।
रात भी और कटनी है ।।
जीत भी हार भी खेदू ।
जंग से और लड़नी है ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
06-11-23 सोमवार