कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जब इंस्पेक्टर ने प्रेमचंद से कहा- तुम बड़े मग़रूर हो..
बात बहुत सटीक है। आजकल का प्रेम विफल होने का एक मुख्य कारण य
इन्सान अपनी बात रखने में खुद को सही साबित करने में उन बातो क
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
जो कर्म किए तूने उनसे घबराया है।
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
अब तो मिलने में भी गले - एक डर सा लगता है