ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
फल की इच्छा रखने फूल नहीं तोड़ा करते.
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आक्रोश - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं