सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गीत- पिता संतान को ख़ुशियाँ...
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
कल्पना के पृष्ठ नूतन पढ़ रही हूँ।
You are the sanctuary of my soul.
रहो तुम स्वस्थ्य जीवन भर, सफलता चूमले तुझको,
एक तेरे चले जाने से कितनी
जब इंसान को किसी चीज की तलब लगती है और वो तलब मस्तिष्क पर हा