अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
The Legend Of Puri Jagannath
होता है ईमान हर इंसान में
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
परिंदों का भी आशियां ले लिया...
मुझे नहीं पसंद किसी की जीहुजूरी
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
सर पर हाथ रख दूं तो आजाद हो जाएगा,
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
श्याम भजन -छमाछम यूँ ही हालूँगी
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
ये बादल क्युं भटक रहे हैं