हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
singh kunwar sarvendra vikram
*रामपुर की दिवंगत विभूति*
काव्य की आत्मा और औचित्य +रमेशराज
बस तू हीं नहीं मुझसे एक बेवफ़ा हुआ...
पंख
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
******छोटी चिड़ियाँ*******
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
तुम कहते हो कि ज़माना अच्छा नहीं
Kabhi jo dard ki dawa hua krta tha
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
छछूंदर के सिर पर चमेली का तेल।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Exercise is not expensive, Medical bills are.
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)