रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
■ एक वीडियो के साथ तमाम लिंक।
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
23/168.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
*सपोर्ट*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
रेत और रेगिस्तान के अर्थ होते हैं।
वही हसरतें वही रंजिशे ना ही दर्द_ए_दिल में कोई कमी हुई
औरों के लिए जो कोई बढ़ता है,