राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
आइये - ज़रा कल की बात करें
लोगों के रिश्तों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता है
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
किसी के ख़्वाबों की मधुरता देखकर,
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत