*आस टूट गयी और दिल बिखर गया*
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
निज प्रभुत्व में हैं जीते जो
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
ये मछलियां !
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
बुंदेली चौकड़िया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
कहानी उसके हाथ में है, वो..
Let us converse with ourselves a new this day,
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
नेताओं सा हो गया उनका भी किरदार
बंदगी करना हमने कब की छोड़ दी है रईस