पाँव थक जाएं, हौसलों को न थकने देना
राजनीति में आने से पहले जनकल्याण
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
जिसको भी चाहा तुमने साथी बनाना
यूं आंखों से ओझल हो चली हो,
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"