"खूबसूरत आंखें आत्माओं के अंधेरों को रोक देती हैं"
**हाल मेरे देश का मंदा है दोस्तों**
बदलता बचपन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
-Relationships require effort.
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
विश्व के हर मनुष्य के लिए करुणा होनी चाहिए
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
जब तक जेब में पैसो की गर्मी थी
प्यार चाहा था पा लिया मैंने।
कितनी उम्मीद है लोगों की हमसे,
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)