2613.पूर्णिका
2613.पूर्णिका
🌷इस महफिल में शामिल न रहा 🌷
22 22 22 22
इस महफिल में शामिल न रहा।
आज किसी के काबिल न रहा।।
देख पसंद नहीं कुछ भी अब ।
मकसद मेरा हासिल न रहा।।
लोग बजाते ताली हरदम।
दुनिया में ये कातिल न रहा।।
लेकर नाव न पतवार चला।
दरिया दरिया साहिल न रहा।।
अजब कहानी अपनी खेदू।
हम गंवार यहाँ जाहिल न रहा।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-10-2023रविवार