सर्द हवाओं का मौसम
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Baat faqat itni si hai ki...
सियासत जाती और धर्म की अच्छी नहीं लेकिन,
आज ख़ुद के लिए मैं ख़ुद से कुछ कहूं,
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
"यक्ष प्रश्न है पूछता, धर्मराज है मौन।
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
Practice compassionate self-talk
*साहित्यिक कर्मठता के प्रतीक स्वर्गीय श्री महेश राही*
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं 🎉 🎉 🎉
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
दिये को रोशननाने में रात लग गई
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक