🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
विनम्रता और सम्मान के आगे विरोधी भी नतमस्तक हो जाते है।
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
माई-बाप "व्हीव्हीआईपी" हों तो छोरा-छोरियों का "व्हीआईपी" बनन
"समाज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग बदलना चाहते हैं,
गिरें पत्तों की परवाह कौन करें
जीवन जोशी कुमायूंनी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
सच तो जीवन में हमारी सोच हैं।
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
मुक्तक - यूं ही कोई किसी को बुलाता है क्या।
"यहाँ चंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
न हम नजर से दूर है, न ही दिल से
**प्याला जहर का हमें पीना नहीं**