If We Are Out Of Any Connecting Language.
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"निज भाषा का गौरव: हमारी मातृभाषा"
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
लो! दिसंबर का महीना आ खड़ा हुआ ,
sp122 दुनिया एक मुसाफिरखाना
#पंचैती
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)*
चेहरे की पहचान ही व्यक्ति के लिये मायने रखती है
आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत मे
*चाचा–भतीजा* / मुसाफ़िर बैठा
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो।
तानाशाह के मन में कोई बड़ा झाँसा पनप रहा है इन दिनों। देशप्र
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज
इनायत है, शनाशाई नहीं है।