नाचणिया स नाच रया, नचावै नटवर नाथ ।
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
"कर्म में कोई कोताही ना करें"
कटे न लम्हा ये बेबसी का ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप सुनो तो तान छेड़ दूँ मन के गीत सुनाने को।