Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

लिखना पसंद है

लिखना पसंद है, इसलिये लिखता हूँ
अपनी समझ, अपने एहसास को
लफ़्ज़ों में ढालने की कोशिश करता हूँ
अंदर का दर्द, कुछ अनकही बाते,
काग़ज़ पर सजा लेता हूँ
अपनी कविताओं में अक्सर
मै ख़ुद को ढूंढता रहता हूँ |

तुम कहती हो, पढ़कर सुनाओ
मै ढंग से पढ़ नही पाता हूँ
कभी तेज़, कभी बुदबुदाता हूँ
काग़ज़ पर लिखी अपनी कविता,
पढ़ते, गुनगुनाते हिचकिचाता हूँ
अल्फ़ाज़ मेरे जो काग़ज़ पर तो इतराते है
उन्हे कहते, सुनाते कतराता हूँ |

दुनियादारी अगर मै भी सीख लेता,
बस यूँ ही हाँ में हाँ मिला लेता,
कभी बात डटकर बोल देता,
कभी हंस कर बात टाल देता,
बातों-बातों में दिल लुभा लेता,
गर महफ़िलें मै भी सजा लेता,
तो शायद….
मै लिख नही पाता!

Language: Hindi
1 Like · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आटा
आटा
संजय कुमार संजू
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गुस्सा सातवें आसमान पर था
गुस्सा सातवें आसमान पर था
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
Ram Krishan Rastogi
* जिसने किए प्रयास *
* जिसने किए प्रयास *
surenderpal vaidya
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
Priya princess panwar
Dating Affirmations:
Dating Affirmations:
पूर्वार्थ
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
शिव प्रताप लोधी
बाल बिखरे से,आखें धंस रहीं चेहरा मुरझाया सा हों गया !
बाल बिखरे से,आखें धंस रहीं चेहरा मुरझाया सा हों गया !
The_dk_poetry
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मिल लेते हैं तुम्हें आंखे बंद करके..
मिल लेते हैं तुम्हें आंखे बंद करके..
शेखर सिंह
3174.*पूर्णिका*
3174.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
shabina. Naaz
सुप्रभात गीत
सुप्रभात गीत
Ravi Ghayal
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr Shweta sood
मात पिता को तुम भूलोगे
मात पिता को तुम भूलोगे
DrLakshman Jha Parimal
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
Dr. Man Mohan Krishna
विवेकवान मशीन
विवेकवान मशीन
Sandeep Pande
चिड़िया की बस्ती
चिड़िया की बस्ती
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Emerging Water Scarcity Problem in Urban Areas
Emerging Water Scarcity Problem in Urban Areas
Shyam Sundar Subramanian
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
Annu Gurjar
छल.....
छल.....
sushil sarna
सितारा
सितारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कदम बढ़े  मदिरा पीने  को मदिरालय द्वार खड़काया
कदम बढ़े मदिरा पीने को मदिरालय द्वार खड़काया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फूल कुदरत का उपहार
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
न बीत गई ना बात गई
न बीत गई ना बात गई
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जिद बापू की
जिद बापू की
Ghanshyam Poddar
Loading...