2591.पूर्णिका
2591.पूर्णिका
🌷खुद को बदलना सीखा हमने 🌷
22 212 22 22
खुद को बदलना सीखा हमने।
यूं साथ चलना सीखा हमने ।।
दुनिया बदलती है रंग यहाँ ।
न गिरगिट बनना सीखा हमने।।
बगियां महकती हरदम अपनी।
बस रोज खिलना सीखा हमने ।।
ना ये जिंदगी तनहा तनहा ।
गम में मचलना सीखा हमने।।
दिल की कलम से खेदू लिखते।
खग से चहकना सीखा हमने ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
10-10-2023मंगलवार