क्यो तू रोता इस नश्वर संसार में ..
#साहित्य_में_नारी_की_भूमिका
*जिंदगी* की रेस में जो लोग *.....*
भाई बहिन के त्यौहार का प्रतीक है भाईदूज
सबकी आंखों में एक डर देखा।
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
शीर्षक -तेरे जाने के बाद!
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है ...
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
बच्चों के खुशियों के ख़ातिर भूखे पेट सोता है,
जो धनी हैं वे धनी बनते जा रहे हैं,
अगर किसी के साथ अन्याय होता है