व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
इस जीवन के मधुर क्षणों का
*दो टूक बात*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
‘ विरोधरस ‘---3. || विरोध-रस के आलंबन विभाव || +रमेशराज
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
मेरी सरलता की सीमा कोई नहीं जान पाता