*क्या बात है आपकी मेरे दोस्तों*
पुरुष जितने जोर से "हँस" सकता है उतने जोर से "रो" नहीं सकता
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
@@ पंजाब मेरा @@
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
ये बादल क्युं भटक रहे हैं
जब उम्र कुछ कर गुजरने की होती है
"कामदा: जीवन की धारा" _____________.
दोहा- सरस्वती
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
#विश्व_वृद्धजन_दिवस_पर_आदरांजलि
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
प्रेम की मर्यादा
singh kunwar sarvendra vikram
*लटका कर झोला कंधे पर, घूम रहे हैं मेले में (गीत)*
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया