रहब यदि संग मे हमर ,सफल हम शीघ्र भ जायब !
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
ग़ज़ल _ आज उनको बुलाने से क्या फ़ायदा।
कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
मईया का ध्यान लगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जादू था या जलजला, या फिर कोई ख्वाब ।
कभी खामोशियां.. कभी मायूसिया..
किस लिए पास चले आए अदा किसकी थी
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,