जो लड़कियां केवल अपने सौंदर्य को चमकाती है।
पुरबी के जनक 'महेंद्र मिश्र
उन्होंने प्रेम को नही जाना,
बिन बोले सब बयान हो जाता है
- बहुत याद आता है उसका वो याराना -
*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Janab hm log middle class log hai,
दिल के इस दर्द को तुझसे कैसे वया करु मैं खुदा ।
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..
मोबाइल की चमक से भरी रातें,
बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'