सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
सोने के पिंजरे से कहीं लाख़ बेहतर,
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
आप वही बोले जो आप बोलना चाहते है, क्योंकि लोग वही सुनेंगे जो
दिल चाहता है अब वो लम्हें बुलाऐ जाऐं,
बेसहारों को देख मस्ती में
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
मैंने खुद के अंदर कई बार झांका
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
कैसे बताऊं मेरे कौन हो तुम