2561.पूर्णिका
2561.पूर्णिका
🌷 दिल में रहते हो तुम 🌷
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दिल में रहते हो तुम ।
अपना कहते हो तुम ।।
प्यार जहाँ प्यार वहाँ ।
कुछ ना कहते हो तुम ।।
अरमाँ क्या हम जाने ।
दुनिया कहते हो तुम ।।
मौसम बदले जीवन ।
न कहीं कहते हो तुम ।।
बगियां महके खेदू।
हरदम कहते हो तुम ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
5-10-2123गुरूवार