Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2023 · 1 min read

2555.पूर्णिका

2555.पूर्णिका
🌷देखा करो सनम हमें 🌷
2212 1212
देखा करो सनम हमें ।
समझा करो सनम हमें ।।
ये जिंदगी अजब गजब ।
परखा करो सनम हमें ।।
बहके कदम यहाँ वहाँ ।
रोका करो सनम हमें ।।
भूल गलती न हो कभी ।
टोका करो सनम हमें ।।
यूं प्यार में मिले खुशी ।
साझा करो सनम हमें ।।

………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
4-10-2023बुधवार

1 Like · 232 Views

You may also like these posts

सच के दामन में लगे,
सच के दामन में लगे,
sushil sarna
- बारिश के आने से -
- बारिश के आने से -
bharat gehlot
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
क्यों अब हम नए बन जाए?
क्यों अब हम नए बन जाए?
डॉ० रोहित कौशिक
यदि धन है और एक सुंदर मन है
यदि धन है और एक सुंदर मन है
Sonam Puneet Dubey
मैं अपना जीवन
मैं अपना जीवन
Swami Ganganiya
You have to keep pushing yourself and nobody gonna do it for
You have to keep pushing yourself and nobody gonna do it for
पूर्वार्थ
शबरी की भक्ति
शबरी की भक्ति
Indu Nandal
मानवता
मानवता
Rahul Singh
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
राज वीर शर्मा
#ताम्रपत्र
#ताम्रपत्र
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मजबूत हाथों से कच्चे घरौंदे बना रहे हैं।
मजबूत हाथों से कच्चे घरौंदे बना रहे हैं।
Karuna Goswami
साथ बैठो कुछ पल को
साथ बैठो कुछ पल को
Chitra Bisht
सजल
सजल
seema sharma
गुमनाम ज़िन्दगी
गुमनाम ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
एक जहाँ हम हैं
एक जहाँ हम हैं
Dr fauzia Naseem shad
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
"दोस्ती-दुश्मनी"
Dr. Kishan tandon kranti
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
*ज्ञानी की फटकार (पॉंच दोहे)*
*ज्ञानी की फटकार (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
Sad shayri
Sad shayri
Surya Barman
जीवन इच्छा
जीवन इच्छा
Sudhir srivastava
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
Sanjay ' शून्य'
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अक्सर तेरे प्यार में मेरा प्यार ढूंढता हूँ
अक्सर तेरे प्यार में मेरा प्यार ढूंढता हूँ
मानसिंह सुथार
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जिंदगी
जिंदगी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Loading...